नेशनल डी वार्मिंग डे 10 फरवरी पर विशेष
#RadioMalwa देश भर के लगभग सभी राज्यों में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग एवं महिला, बाल विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से इसे सफल बनाने की कोशिश।
नेशनल डी वार्मिंग प्रोग्राम; विश्व के बड़े अभियानों में से एक अभियान है जिसका शुभारंभ 9 फरवरी, 2015 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने जयपुर, राजस्थान में किया था। इस अभियान का लक्ष्य 24 करोड़ बच्चों को पेट के कृमि (कीड़ों) से निजात दिलाना। गत वर्ष की भांति इस बार भी 10 फरवरी "नेशनल डी वार्मिंग डे" पर आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा स्कूलों में बच्चों को कृमिनाशक एल्बेंडाज़ोल गोली खिलायी जाएगी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार भारत में एक से 14 साल उम्र के लगभग 24 करोड़ बच्चों को पेट के कृमि (कीड़ों) से होने वाली बीमारियों का खतरा रहता है। इसलिए यह अभियान बच्चों को कृमि मुक्त बनाने में काफी मददगार साबित होगा। एक से दो साल तक के बच्चों को एल्बेंडाज़ोल की आधी (200 मिली ग्राम) एवं दो से 19 साल तक के बच्चों को पूरी गोली (400 मिली ग्राम) दी जायेगी।
कृमि संक्रमण: कृमि मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है।
1. गोल कृमि, 2. व्हीप कृमि एवं 3. अंकुश कृमि। ये कृमि मनुष्य की आंत में रहकर शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को खा जाते है।
सामान्य लक्षण: कृमि संक्रमित बच्चों में भूख न लगना, पेट दर्द की शिकायत, खून की कमी, कुपोषण, मानसिक एवं शारीरिक विकास में कमी और स्कूल प्रतिभागिता में कमी जैसे लक्षण दिखाई देते है।
कैसे करें बचाव:
1. खेलते समय या कही आते जाते समय जूते- चप्पल जरूर पहनें।
2. अपने नाख़ून हमेशा कटे हुए एवं साफ़ रखें।
3. भोजन करने के पूर्व एवं शौच से आने के बाद साबुन से अपने हाथ जरूर धोयें।
4. हमेशा साफ़ स्वच्छ पानी पियें।
5. फल एवं सब्जियों को साफ़ पानी से धोकर इस्तेमाल करें एवं ठीक ढंग से पका हुआ भोजन ही करें।
6. हमेशा साफ़ शौचालय का ही प्रयोग करें एवं अपने आस पड़ोस को स्वच्छ एवं हरा भरा रखें।
इन सभी छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें और स्वास्थ्य केंद्र जाकर साल में दो बार एल्बेंडाज़ोल की गोली अवश्य खिलाएं। ऐसा करके आप भी अपनी लाड़ली या लाड़ले को कृमि संक्रमण से मुक्त रख सकते है, जिससे वह स्वस्थ और तंदुरुस्त रह सके और गर्व से कह सके कि "मैं कृमि मुक्त हूँ"।
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